जयपुर – देश के प्रसिद्ध एवं सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट डूरंड कप के 132वें संस्करण के तहत डूरंड कप के बारे में जानकारी एवं इसकी ट्राफियों को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित ट्रॉफी यात्रा आज राजस्थान की राजधानी जयपुर में शुरु की गई।
भारतीय सेना के 61 सब एरिया के जीओसी मेजर जनरल राय सिंह गोदारा एवं अन्य गणमान्य लोगों ने इस ट्रॉफी यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस ट्राफी यात्रा के जरिए जयपुर के विभिन्न स्थानों पर डूरंड कप की ट्राफियां प्रदर्शित की जा रही है। इस मौके राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित उद्धाटन समारोह में मेजर जनरल गोदारा, एसएम-वीएसएम रिटायर्ड जनरल के के रेप्सवाल, रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप गुलिया और डूरंड कप समिति के नोडल ऑफिसर कर्नल नवनीत सिंह थिआरा विशिष्ट अतिथि के रुप में मौजूद थे।
समारोह मुख्यालय 61 सब एरिया, सप्त शक्ति कमांड के तत्वावधान में राजस्थान यूनाइटेड फुटबॉल क्लब (आरयूएफसी) के सहयोग से आयोजित किया गया, जो इस साल टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीम भी है। डूरंड कप ट्रॉफी टूर की मेजबानी जयपुर में आरयूएफसी द्वारा की गई।
समारोह में कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया ने कहा कि ऐसे आयोजनों से युवा पीढ़ी का मनोबल बढ़ता है और जागरूकता बढ़ती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान ने कई फुटबॉल खिलाड़ी दिए हैं। श्री कटारिया ने कहा कि क्रिकेट के प्रति दीवानगी के कारण फुटबॉल की लोकप्रियता थोडी कम हुई है। ऐसे में यह आयोजन एवं ‘ट्रॉफी टूर’ इस कमी की पूर्ति करेगा।
उन्होंने कहा कि इस आयोजन से युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों को दो प्रतिशत आरक्षण दिया है। इस मौके पर राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि इस टूर्नामेंट ने देश-विदेश में अपना नाम स्थापित किया है। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में भी हम प्रगति पथ पर अग्रसर रहेंगे।
समारोह में राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि यह सही है कि क्रिकेट जैसे दूसरे अन्य खेलों की तुलना में राज्य में लोग फुटबॉल के बारे में इतने जागरूक नहीं हैं। अब राज्य सरकार ने विद्याधर नगर स्टेडियम को सिर्फ फुटबॉल के लिए समर्पित कर दिया है। हमारा प्रयास है कि सभी खेलों को बढ़ावा मिले चाहे वह खो-खो हो, कबड्डी हो या फुटबॉल ही क्यों ना हो।
श्री राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण ओलंपिक का आयोजन किया गया, जिससे युवा एवं बुजुर्ग पीढ़ी को जोड़ा गया। राजस्थान में खेलों और विशेषकर फुटबॉल का बेहतर भविष्य होगा। मेजर जनरल गोदारा ने कहा कि सशस्त्र बलों की ओर से भारतीय सेना इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का आयोजन कर रही है। नेपाल, भूटान और बंगलादेश के टूर्नामेंट में भाग लेने से यह टूर्नामेंट और अधिक बड़ा होगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना खिलाड़ियों को सहायता कर रही है और बदले में खिलाड़ियों ने देश का गौरव बढ़ाया है। राजस्थान राज्य खेलों में अग्रणी रहा है और आरयूएफसी की शुरुआत के साथ, बहुत जल्द राज्य फुटबॉल में भी नई उपलब्धियां हासिल करेगा। उन्होंने टूर्नामेंट की शानदार सफलता की कामना की। ट्राफी यात्रा को हरी झंडी दिखाने से पहले डूरंड कप ट्रॉफियों का अनावरण किया गया। समारोह की शुरुआत में कर्नल नवनीत सिंह थिआरा द्वारा डूरंड कप के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की सीएसआर कमेटी के स्वतंत्र निदेशक एवं अध्यक्ष डॉ. आशुतोष पंत, आरयूएफसी के चेयरमेन कृष्ण कुमार टाक ने भी अपने विचार रखे। इनके अतिरिक्त आरयूएफसी के फाउंडर डायरेक्टर्स एवं पूर्व राष्ट्रीय फुटबॉलर रजत मिश्रा और कमल सिंह सरोहा, गिरीश राठौड़ एवं स्वप्निल ढाका सहित युवा फुटबॉल प्रेमी, कई प्रतिष्ठित खेल हस्तियों के साथ आर्मी पब्लिक स्कूल, केवी नंबर 2 और केवी नंबर 4 के छात्रों और एनसीसी कैडेटस मौजूद थे।
श्री रजत मिश्रा के अनुसार आरयूएफसी ने गत वर्ष अपने पहले ही वर्ष में 131वें डूरंड कप टूर्नामेंट में बड़ी सफलता हासिल की और दिग्गज मोहन बागान टीम को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचा। उन्होंने कहा कि आरयूएफसी की सफलता और राजस्थान में फुटबॉल के प्रति बढ़ते जुनून से उत्साहित होकर, हमें लगातार दूसरे वर्ष डूरंड कप ट्रॉफी टूर की मेजबानी करने पर गर्व और खुशी है। उन्होंने बताया कि डूरंड कप फुटबॉल टूर्नामेंट एक राष्ट्रीय विरासत है। यह हमारे सशस्त्र बलों की ताकत और एकता को दर्शाता है, जो दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक हैं। यह टूर्नामेंट फुटबॉल के माध्यम से पूरे भारत के खेल प्रेमियों को एक साथ लाने का एक अनूठा अवसर है और एक तरह से खेल का उत्सव है। विशेषकर फुटबॉल खेल के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए डूरंड कप के विजेताओं को प्रदान की जाने वाली ट्रॉफियों का टूर किया जा रहा है, जिनमें प्रेसिडेंट कप, डूरंड कप और शिमला कप प्रमुख हैं।
डूरंड कप एशिया का सबसे पुराना और दुनिया का तीसरा सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट है, जिसमें देश भर के शीर्ष भारतीय फुटबॉल क्लब भाग लेते हैं। भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा आयोजित, डूरंड कप वर्षों से भारत की सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल प्रतिभाओं के पनपने का स्थल रहा है। उद्घाटन संस्करण 1888 में शिमला में हुआ था, जब इसकी शुरुआत एक आर्मी कप के रूप में हुई थी, जो केवल भारत में ब्रिटिश भारतीय सेना के सैनिकों के लिए हुआ करता था, लेकिन जल्द ही इसे नागरिक टीमों के लिए भी खोल दिया गया।
यह टूर्नामेंट आगामी तीन अगस्त से तीन सितंबर तक कोलकाता में आयोजित किया जाएगा।
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